Every Hostel has a story

Hostel life is a beautiful experience . Hostel life is not just a phase it's a feeling that never really leaves you. We truly understand when we look back.Here I wish to share my memories of a festival .
Actually I have written this for a Hindi magazine but it was not published.
एक यादगार त्योहार,,
"कुछ भारतीय त्योहार प्रकृति से जुड़े हैं जैसे महिलाओं का विशेष महत्वपूर्ण त्योहार वट सावित्री,।इसी प्रकार एक विशेष त्योहार  है  जिसका संबध विद्यार्थी जीवन से है।माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं। यह दिन ऋतु राज वसंत के आगमन की सुचना देता देता है । इस ‌दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं। यह देवी विद्या और बुद्धि दोनों प्रदान करतीं हैं। जब भी फरवरी का महीना आता है यह मुझे मेरी स्मृतियों को हौले से उत्सव वाले दिन में ले जाता है। वैसे तो त्योहारों का महत्व आज कल की पीढ़ी बहुत कम समझती है।
मेरा विद्यार्थी जीवन तो ‌छात्रावास में ही गुजरा है। कुछ अनमोल बोल और कुछ ना भूलने वाली यादें। वसंत पंचमी को, सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं। सरस्वती पूजा वाले दिन में मेस में अच्छा खाना बनाता था लड़कियां पीले वस्त्र धारण करती थीं । बहुत बढ़िया प्रसाद होता था। फोटोग्राफर को भी बुलाया जाता था। फोटो शूट का दौर चलता था।शाम में छात्रावास की लड़कियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाता था यह तो हुई कार्यक्रम की बात। पूजा तो सुबह में ही संपन्न हो जाती थी फिर उसके बाद पंडित जी से हाथ दिखाने का सिलसिला शुरू होता था। मुझे भी हाथ दिखाने का बड़ा शौक था।हर लड़की के अपने प्रश्न होते थे कोई पुछती पंडित जी क्या मेरा सेलेक्शन प्रशासनिक सेवा में हो जाएगा ? कोई पुछती पंडित जी मैं न्यायिक सेवा में जाना चाहती हुं । पंडित जी का एक ही जवाब रहता सदा सुखी रहो अच्छा घर , अच्छा वर, अच्छा परिवार मिले । मैं ने भी अपना हाथ बढ़ाया तो पंडित जी ने वही आशीर्वाद दिया जो सबको दे रहे थे। मुझे मन ही मन में पंडित जी पर गुस्सा आ रहा था अब मैं पंडित जी को हाथ नहीं दिखाऊंगी। विद्यार्थी जीवन को गुजरे कितने वर्ष हो गए लेकिन आज लगता है यह आशीर्वाद सिर्फ बेटी के लिए नहीं बल्कि बेटों के लिए भी उपयुक्त वाक्य है । आज वक्त कितना बदल गया है अलिमोनी के लालच में पत्नी पति पर झूठा केस कर देती है जिससे तंग आकर पति आत्महत्या कर रहे हैं । कभी पति अपने परिवार के दबाव में आकर अपनी पत्नी और बच्चों को बाहर निकाल देता है। 
अच्छा जीवन साथी मिले तो जीवन स्वर्ग है अन्यथा नरक बनते देर नहीं लगती। नाकामयाब विवाह न केवल इंसान का सुख चैन छीन लेती है बल्कि दुखद वैवाहिक जीवन वाले इंसान को तनाव और अवसाद का शिकार बना देती है।
आज के समय में पंडित जी द्वारा बोले गए शब्दों का महत्व बढ़ गया है...

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